तुम मौन हो 
निगाहें झुकी हैं 
थरथराते अधर
 कुछ कहना चाहते हैं |
प्रयत्न इतना किस लिए
मैं गैर तो नहीं 
सुख दुःख का साथी हूँ
हम सफर हूँ |
दो मीठे बोल यदि ना बोले
सीपी से सम्पुट ना खोले 
तब तो ये अमूल्य पल
यूं ही बीत जाएंगे |
मैं समझ नहीं पाता
मौन की भाषा 
कुछ सोच रहा हूँ
चूडियों की खनक सुन |
है शायद यह अंदाज
प्यार जताने का 
फिर भी दुविधा में हूँ
है मौन का अर्थ क्या |
आशा