और धवल धरा सारी
लगती बेदाग़ सफेद चादर सी
है सिंधु उदगम यहीं पर
यह है रेगिस्तान बर्फ का
दुनिया की सबसे ऊँची सड़क
जिस पर गुजरते वाहन
नहीं वह भी अछूती बर्फ से
यदि विहंगम द्रष्टि डालें
दिखती है बिछी सफेद चादर सी
जाड़ा कम ही लगता है
जब गुजरते सड़क से
फिर भी भय रहता है
कहीं फिसल ना जाएं
कोई हादसा ना हो जाए
,
गाड़ी पिघलती बर्फ
और बर्फीला द्रश्य
कहीं कहीं पानी सड़क पर
धीमी गति से गाडी बढ़ना
लगता है पैदल चल रहे हें
एक ओर दीवार बर्फ की
दूसरी ओर गहरी खाई
रूह कांप जाती है
जब दृष्टि पडती खाई पर
वहाँ बने बंकरों में
रहते देश के रक्षक
होता जीवन कठिन उनका
पर सच्चे निगहवान देश के
सदा प्रसन्न होते हें
जब मिलते किसी भारत वासी से
देख उनकी कठिन तपस्या
श्रद्धा से नत होता मस्तक |
आशा