26 मार्च, 2017

प्राकृतिक अभियंता


तिनके चुन चुन
 घरोंदा बनाया 
आने जाने के लिए
 एक द्वार लगाया 
 मनोयोग से
घर को सजाया
दरवाजे पर खड़े खड़े 
अपना घर निहार रही 
देख दस्तकारी  अपनी
फूली नहीं समा रही 
कभी आसपास उड़ती 
बच्चे देख खुश होती 
अचानक अनजानी आशंका 
उसके मन में उपजी 
कहीं कोई घर न गिरादे 
बच्चों को हानि ना पहुँचाए 
इसी लिए है सतर्क 
दे रही सतत पहरा 
पूरी सावधानी से |

आशा