11 मार्च, 2017
10 मार्च, 2017
बेटा चाँद पकड़ना चाहे
चन्दा चमके आसमान में 
नन्हां बेटा पकड़ना चाहे 
 चन्दा मामा  हाथ में  |
बहलाया कई लालच दिए
अन्दर बाहर ले कर गई 
ध्यान बटाने की कोशिश में 
 जिद्द बेटे की बढ़ती गई |
हद तो तब हुई जब 
 डबडबाई आँखें उसकी 
वह बिना चाँद के   सोना न  चाहे 
रोने का हथियार चलाए |
मैंने बहुत विचार किया 
अपना बचपन याद किया 
एक बार मां ने जलभरी परात में 
चन्दा मुझे दिखाया था |
जल्दी से परात लाई 
जलभर कर आँगन में आई 
जल में अक्स चन्दा मामा का 
बेटे से पकड़वाना चाहा |
किये अथक प्रयास पर व्यर्थ रहे 
वह थक गया और सो गया 
सुबह तक वह भूल गया 
किस बात के लिए जिद्द की थी |
न चाँद था न रात आँगन में 
 केवल पानी भरी परात थी 
भोली भाली जिद्द ने उसकी
मेरा बचपन याद दिलाया
बीती यादों में पहुंचाया |
भोली भाली जिद्द ने उसकी
मेरा बचपन याद दिलाया
बीती यादों में पहुंचाया |
आशा 
08 मार्च, 2017
अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस
बड़ी बड़ी बातों से
 कोई महान नहीं होता 
एक दिन की चांदनी से 
अन्धकार नहीं मिटता 
महिला तो महिला ही रहेगी 
सुखी हो या दुखों से भरी 
एक दिन में सुर्ख़ियों में आकर 
अखवारों में तस्वीर छपा कर 
अपनी योग्यता गिनवाकर 
अन्तराष्ट्रीय दिवस में छा कर 
प्रथम श्रेणी में तो न आ पाएगी 
दूसरे दर्जे की है मुसाफिर 
प्रथम में कैसे जाएगी 
वर्षभर अनादर सहती 
बारबार सताई जाती 
अपेक्षित सम्मान न पाती 
कुंठाओं से ग्रसित वह 
कैसे यह दिवस मनाए 
अपनी पीड़ा किसे बताए |
आशा
मैं अदना सा तिनका
जब जब जल बरसता  
सड़क नदी बन जाती 
चाहे जो बहने लगता 
तैरने डूबने लगता 
पर मैं अदना सा तिनका 
 बहाव के संग बहने लगता
चीख चिल्लाहट बच्चों का रोना 
सभी दीखता सामने 
 मैं नन्हां सा तिनका 
बहते बहते सोच रहा 
क्या होगा भविष्य मेरा 
जैसे सब डूब रहे हैं 
मेरा भी हश्र कहीं 
उन जैसा तो न होगा 
यदि जलमग्न हुआ 
क्या से क्या हो जाऊंगा 
अभी तो बेधर हुआ हूँ 
फिर मिट्टी में मिल जाऊंगा |
आशा 
06 मार्च, 2017
नाग राज
हम तो बांबी पूजन आए 
नहीं कोई बैर  हमारा तुमसे 
 नागराज क्यूं बिल से निकले 
यह रौद्र रूप मन दहलाए |
तुम्हें कष्ट पहुंचाया किसने 
क्या बदला लेने उससे आए 
या मौसम बहुत प्यारा लगा 
आनंद उठाने उसका आए |
तुमने हाथ मिलाया कृषक से
हाथ बटाने उसका आए 
अवांछित तत्वों को खाया भगाया 
खेत को उनसे बचाया |
तभी कहा जाता है 
मित्रता निभाना तुम्हें आता है 
कोई माने या न माने 
ऋण चुकाना तुम्हें आता है |
आशा 
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