पहले तुम ऐसी ना थीं
मेरी बैरी ना थीं
मैं आज भी तुम्हें
अपना शत्रु नहीं मानता |
ऐसा क्या हुआ कि
अब पीछे से वार करती हो
कहीं दुश्मन से तो
हाथ नहीं मिला बैठी हो |
वार ही यदि करना है
पीछे से नहीं सामने से करो
पर पहले सच्चाई जान लो
दृष्टि उस पर डाल लो |
कोई लाभ नहीं होगा
अन्धेरे में तीर चलाने से
मेरे समीप आओ
मुझे समझने का यत्न करो |
मेरे पास बैठो
मैं अभी भी ना
समझ पाया हूं तुम्हें
क्यूँ दुखों का सामान
इकट्ठा करती हो |
मेरी भावनाओं से खेलती हो
बिना बात नाराज होती हो
कुछ तो बात को समझो
अभी भी देर नहीं हुई है |
आओ दिल की बात करो
बैमनस्य दूर करने के लिए
सामंजस्य स्थापित करने के लिए
कुछ तो मुझसे कहो |
ह्रदय पर रखा हुआ बोझ
कुछ तो कम होगा
जब सच्चाई जान जाओगी
मुझे समझ पाओगी
तभी शांति का अनुभव होगा|
आशा
मैं आज भी तुम्हें
अपना शत्रु नहीं मानता |
ऐसा क्या हुआ कि
अब पीछे से वार करती हो
कहीं दुश्मन से तो
हाथ नहीं मिला बैठी हो |
वार ही यदि करना है
पीछे से नहीं सामने से करो
पर पहले सच्चाई जान लो
दृष्टि उस पर डाल लो |
कोई लाभ नहीं होगा
अन्धेरे में तीर चलाने से
मेरे समीप आओ
मुझे समझने का यत्न करो |
मेरे पास बैठो
मैं अभी भी ना
समझ पाया हूं तुम्हें
क्यूँ दुखों का सामान
इकट्ठा करती हो |
मेरी भावनाओं से खेलती हो
बिना बात नाराज होती हो
कुछ तो बात को समझो
अभी भी देर नहीं हुई है |
आओ दिल की बात करो
बैमनस्य दूर करने के लिए
सामंजस्य स्थापित करने के लिए
कुछ तो मुझसे कहो |
ह्रदय पर रखा हुआ बोझ
कुछ तो कम होगा
जब सच्चाई जान जाओगी
मुझे समझ पाओगी
तभी शांति का अनुभव होगा|
आशा