फिर उम्मीदेवफ़ा
है कैसी फ़ितरत
या रव की रज़ा
अधर में ही लटक गया
न राम मिला
न रहीम मिला
केवल दिखावा था
या भावना अंतस की
आज तक जान नहीं पाया
ऊपर से बदनामी का साया
प्यार के नाम पर
आवारगी का ताज मिला
मन मसोस कर रह गया
उस राह पर चल कर
दिल छलनी हुआ
और कुछ न मिला
मिली गति त्रिशंकू की
आसमान से गिरा
खजूर में अटका |
मिली गति त्रिशंकू की
आसमान से गिरा
खजूर में अटका |
आशा
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