ताका :-
(1)
बाट जोहती
टेसू के रंग बना
रंगती उसे
गुलाल लिए साथ
कि फागुन आया रे |
(2)
भंग तरंग
मिलन की उमंग
मिला फगुआ
मुंह सुर्ख हो रहा
फागुन मन भाया |
(3)
(1)
बाट जोहती
टेसू के रंग बना
रंगती उसे
गुलाल लिए साथ
कि फागुन आया रे |
(2)
भंग तरंग
मिलन की उमंग
मिला फगुआ
मुंह सुर्ख हो रहा
फागुन मन भाया |
(3)
दिल ने कहा
गुनगुनाओ गाओ
बोल जिसके
मनोभाव छू जाते
फागुन में पलाश
खिल मन रिझाते |
(4)
गुनगुनाओ गाओ
बोल जिसके
मनोभाव छू जाते
फागुन में पलाश
खिल मन रिझाते |
(4)
फूलों की होली
मथुरा नगरिया
आ चलें वहां
है लठ्ठ मार होली
आज बरसाने में |
(5)
मथुरा नगरिया
आ चलें वहां
है लठ्ठ मार होली
आज बरसाने में |
(5)
मटकी टूटी
स्वाद है भरपूर
इस चोरी में
खुद खाया खिलाया
मित्र भाव निभाया |
स्वाद है भरपूर
इस चोरी में
खुद खाया खिलाया
मित्र भाव निभाया |
(6)
मुकर गया
माँ ने पूंछ लिया
माखन खाया
मैंने नहीं उतारी
फिर भी टूट गयी |
(६)
होली की मस्ती
भाँग मिली ठंडाई
साथ मिठाई
गुजिया भी साथ है
वाह क्या बात है |
(7)
गुलाल लगा
आशा
मुकर गया
माँ ने पूंछ लिया
माखन खाया
मैंने नहीं उतारी
फिर भी टूट गयी |
(६)
होली की मस्ती
भाँग मिली ठंडाई
साथ मिठाई
गुजिया भी साथ है
वाह क्या बात है |
(7)
गुलाल लगा
जोरा जोरी राधा से
फाग खेलता
नटखट कन्हिया
बांसुरी का बजैया
फाग खेलता
नटखट कन्हिया
बांसुरी का बजैया