गलत कदम रोकने को
तब तुझे कभी न समझा
दुश्मन सी लगती थी |
दूर रही अक्सर तुझसे
तेरी ममता ना जानी
याद्र रहा तेरा अनुशासन
प्यार की उष्मा ना जानी |
अब छोटी बड़ी घटनाएं
मन व्यथित करतीं
हर पल याद तेरी आती
मन चंचल करती|
तेरी सारी वर्जनाएं
जो कभी बुरी लगती थीं
वही आज रामवाण दवा सी
अति आवश्यक लगतीं |
कितने कष्ट सहे होंगे माँ
मुझे बड़ा करने में
तुझसे ही है वजूद मेरा
अब मैंने जाना |
कभी कोई शिकवा न शिकायत
आई तेरे चेहरे पर
तूने मुझे लायक बनाया
क्यूं न करू गर्व उस पर |
जब अधिक व्यस्त होती हूँ
बच्चों की नादानी पर
उनके शोर शराबे पर
बहुत क्रुद्ध होती हूँ |
मन के शांत होते ही
तेरा शांत सौम्य मुखमंडल
निगाहों में घूम जाता है
सोचती हूँ माँ तुझ जैसा धैर्य
मुझ में क्यूं नहीं ?
मैंने बहुत कुछ पाया
पर तुझ जेसे गुण नहीं|
आशा
दूर रही अक्सर तुझसे
तेरी ममता ना जानी
याद्र रहा तेरा अनुशासन
प्यार की उष्मा ना जानी |
अब छोटी बड़ी घटनाएं
मन व्यथित करतीं
हर पल याद तेरी आती
मन चंचल करती|
तेरी सारी वर्जनाएं
जो कभी बुरी लगती थीं
वही आज रामवाण दवा सी
अति आवश्यक लगतीं |
कितने कष्ट सहे होंगे माँ
मुझे बड़ा करने में
तुझसे ही है वजूद मेरा
अब मैंने जाना |
कभी कोई शिकवा न शिकायत
आई तेरे चेहरे पर
तूने मुझे लायक बनाया
क्यूं न करू गर्व उस पर |
जब अधिक व्यस्त होती हूँ
बच्चों की नादानी पर
उनके शोर शराबे पर
बहुत क्रुद्ध होती हूँ |
मन के शांत होते ही
तेरा शांत सौम्य मुखमंडल
निगाहों में घूम जाता है
सोचती हूँ माँ तुझ जैसा धैर्य
मुझ में क्यूं नहीं ?
मैंने बहुत कुछ पाया
पर तुझ जेसे गुण नहीं|
आशा