अजनवी कहाँ से आया
किसके पास ठहरा
किस कारण से
 किसी ने ज़रा भी
ध्यान न दिया|
उसने केवल अपना मतलव साधा 
यह भी किसी को न बताया 
आगे बढ़ने लगा
मुस्कान  से आनन भरा|
खुशी भरी हर अंग पर 
कारण कोई भी जान न सका 
कितना भी जानना चाहा
वह चल दिया  |
नहीं किसी ने ध्यान दिया
लिया दिया कुछ तो रहा 
उसकी यादों में एसा  बैठा  
निकल न पाया |
सारी बाते मन में बसी 
कैसे उनसे बचा जाए 
कोई उपाय न हो पाए 
वह घबराए बेचैन हुआ जाए |
आशा सक्सेना 
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