भावनाओं का सैलाव
कहाँ ले जाएगा
कहाँ ले जाएगा
भेद अपने पराए में
कर न पाएगा |
कर न पाएगा |
प्यार के सरोवर में
तैरेगा कैसे
तैरेगा कैसे
किनारा है बहुत दूर
पहुँच न पाएगा |
पहुँच न पाएगा |
ये ही मन
अस्थिर करती हैं
कोइ नियंत्रण
नहीं इन पर |
बेचैन मन कब तक
दे साथ इनका
कहीं उलझ न जाए
शिकारी के जाल में|
वह तो घात लगाए
बैठा होगा
जाने कब कोइ फँस जाए
उसके जाल में |
है कठिन
नियंत्रण उन पर
पर सावधानी भी
तो जरूरी है |
जब तैरना नहीं आता
क्या फ़ायदा
सरोबर में उतरने का
ज़रा सी भूल में
जीवन शेष हो जाएगा |
आशा |
अस्थिर करती हैं
कोइ नियंत्रण
नहीं इन पर |
बेचैन मन कब तक
दे साथ इनका
कहीं उलझ न जाए
शिकारी के जाल में|
वह तो घात लगाए
बैठा होगा
जाने कब कोइ फँस जाए
उसके जाल में |
है कठिन
नियंत्रण उन पर
पर सावधानी भी
तो जरूरी है |
जब तैरना नहीं आता
क्या फ़ायदा
सरोबर में उतरने का
ज़रा सी भूल में
जीवन शेष हो जाएगा |
आशा |
जब तैरना नहीं आता
जवाब देंहटाएंक्या फ़ायदा
सरोबर में उतरने का
ज़रा सी भूल में
जीवन शेष हो जाएगा |
बहुत सुन्दर !
नया वर्ष २०१४ मंगलमय हो |सुख ,शांति ,स्वास्थ्यकर हो |कल्याणकारी हो |
नई पोस्ट विचित्र प्रकृति
नई पोस्ट नया वर्ष !
मन के असमंजस को दर्शाती सुंदर रचना ! बहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात।
नववर्, में...
स्वस्थ रहो प्रसन्न रहो।
आपका दिन मंगलमय हो।
बहुत सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (4-1-2014) "क्यों मौन मानवता" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1482 पर होगी.
जवाब देंहटाएंसूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है.
सादर...!
सुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आपका-
बहुत सुंदर....नव वर्ष मंगलमय हो आपका....
जवाब देंहटाएंकाफी उम्दा रचना....बधाई...बेहतरीन चित्रण....
नयी रचना
"एक नज़रिया"
आभार
गहन भावयुक्त सुन्दर रचना ....आभार
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण रचना, बधाई.
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु धन्यवाद शबनम जी |
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