![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgISpFRMvkfMIN08vALPlP2Ve7Rfg8MBCw_KqmECrtPgqlvjQnm3CYl1UC9Z_SnddH_TBWQ06LWugqkIZfxqCWkA64H9mqyjWii1Hw-l5FAW8g8POF-BJOQIFBbAIpwmOA8OjpKwkHTTO4/s320/drunker.jpg)
बहारों ने दी थी दस्तक
इस घर के दरवाजे पर
पैर पसारे थे खुशियों ने
छोटी सी कुटिया के अंदर |
पैर पसारे थे खुशियों ने
छोटी सी कुटिया के अंदर |
लाल जोड़े मैं सजधज कर
जब रखा पहला कदम ,![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi8FaiUbGqhDnblpIVmauWGYNwXTPvM1ggM9piwiovAaECxMK8gEuERAh3o5FUAXGx0J7uJnTDif4n-qwIlo3JglH3zCXaIxwQP2ZCBv5ZqdXB9ID8s16-oJDORw3V_Zz8mOguVfVB4D3Q/s320/images_026.jpg)
अनेक स्वप्न सजाए थे
आने वाले जीवन के |
जब रखा पहला कदम ,
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi8FaiUbGqhDnblpIVmauWGYNwXTPvM1ggM9piwiovAaECxMK8gEuERAh3o5FUAXGx0J7uJnTDif4n-qwIlo3JglH3zCXaIxwQP2ZCBv5ZqdXB9ID8s16-oJDORw3V_Zz8mOguVfVB4D3Q/s320/images_026.jpg)
अनेक स्वप्न सजाए थे
आने वाले जीवन के |
था मेंहदी का रंग लाल
प्यार का उड़ता गुलाल ,
सारे सुख सारे सपने
सिमट गए थे बाहों में |
वह मंजर ही बदल गया
जब झूमता झामता वह आया ,
गहरी चोट लगी मन को
जब यथार्थ सामने आया |
कारण जब जानना चाहा
उत्तर था बड़ा सटीक ,
रोज नहीं पीता हूँ
खुश था इसी लिए थोड़ी ली है |
पीने का क्रम ,
गम गलत करने का क्रम
अनवरत बढ़ता गया
सामान तक बिकने लगा |
हाला का रंग ऐसा चढ़ा
पीना छूट नहीं पाया ,
रोज रोज कलह होती थी
रात भर ना वह सोती थी |
बिखर गए सारे सपने
अरमानों की चिता ज़ली
कल्पनाएँ झूठी निकलीं
बस रह गयी यह
तस्वीर उजड़े घर की |
आशा
प्यार का उड़ता गुलाल ,
सारे सुख सारे सपने
सिमट गए थे बाहों में |
वह मंजर ही बदल गया
जब झूमता झामता वह आया ,
गहरी चोट लगी मन को
जब यथार्थ सामने आया |
कारण जब जानना चाहा
उत्तर था बड़ा सटीक ,
रोज नहीं पीता हूँ
खुश था इसी लिए थोड़ी ली है |
पीने का क्रम ,
गम गलत करने का क्रम
अनवरत बढ़ता गया
सामान तक बिकने लगा |
हाला का रंग ऐसा चढ़ा
पीना छूट नहीं पाया ,
रोज रोज कलह होती थी
रात भर ना वह सोती थी |
बिखर गए सारे सपने
अरमानों की चिता ज़ली
कल्पनाएँ झूठी निकलीं
बस रह गयी यह
तस्वीर उजड़े घर की |
आशा