14 फ़रवरी, 2015
13 फ़रवरी, 2015
हाईकू
दात्री ऊर्जा की
किरण आदित्य की
जीवंत जग |
स्त्रोत ऊर्जा का
अक्षय ही रहता
सृष्टि चलाता |
सूरज चन्दा
बंधे एक डोर से
नियामक की |
बंधन बड़ा
हर कण कण में
सूर्य ऊर्जा से |
आशा
11 फ़रवरी, 2015
अग्नि
आहुति देती
दीपशिखा अपनी
मार्ग दिखाती !
अनोखी गल्प
जंगल में आग सी
फैलती गयी !
जंग की आग
विनाश की कगार
है अभिशाप !
सूर्य का तेज
अग्निपुंज प्रखर
होता विशिष्ट !
आशा
06 फ़रवरी, 2015
दुल्हन
संग पिया के
स्वप्न सजे आँखों
में
सजनी चली !
नवजीवन
कदम बढ़ाए हैं
दुलहन ने !
अवगुंठित
लावण्यमयी वह
दुलहन है !
मन मुदित
चंचल चितवन
परणीता है |
आशा
30 जनवरी, 2015
जिन्दगी की जंग में
जिन्दगी की जंग से
जूझते जो नित
बिरले ही जीत पाते हैं
उसकी व्यथाओं से |
सेहरा जीत का
चाहते सभी
चन्द ही भाग्यशाली
चन्द ही भाग्यशाली
जी पाते ये पल |
तिलतिल मरना
उन्हें रास नहीं आता
एकाएक जीने की आशा
बलबती मन में |
पाकर स्वप्न सुन्दरी
सजाते हैं एक आवरण
अपने इर्दगिर्द
अनुभव सजाना चाहते
आसपास सभी |
घोडी चढ़
वह उच्च शिखर
छूना चाहते सभी
पर चन्द लोग ही
जी पाते है
जी पाते है
ऐसे अदभुद क्षण
आशा
29 जनवरी, 2015
28 जनवरी, 2015
संपदा
वनस्पति के बिना
दुखी है प्रजा !
स्वप्न में आये
हरियाये पल्लव
मन हर्षाये !
वनसंपदा
मूल्यवान जब हो
देश सफल !
रंग बिरंगी
है फूलों की टोकरी
उपवन में !
जड़ें जमाये
वनस्पति देश की
पश्चिम में भी !
जलसंपदा
बहुत मूल्यवान
सबके लिए !
पहचान है
हरीतिमा हमारी
सबसे न्यारी !
पीत वासना
सुमुखी हरीतिमा
मन को छूती !
आशा
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