09 सितंबर, 2016
08 सितंबर, 2016
भाग्य उसका
बर्फ में दफन हुआ था 
भाग्य ने उसे बचाया 
पर साँसें थी गिनती की 
उसकी जिन्दगी की 
चमत्कार हुआ वह बचा 
पर कुछ पल ही रह पाया 
सभी यत्न असफल रहे 
जीवन पुनः देने के 
यह भाग्य न था
 तो और क्या था 
शहादत देने वालों में 
एक नाम और जुड़ गया  |
आशा
आशा
05 सितंबर, 2016
गुरू शिष्य
योग्य धनुर्धर होने को 
हो पूर्ण ध्यान निशाने पर 
लक्ष्य भेदन तभी संभव 
जब एकाग्र हो मन  निरंतर 
शिक्षा थी गुरू की यही 
स्वीकार जिसे शिद्दत से किया 
ध्यान तभी केन्द्रित हुआ 
तीर निशाने पर लगा 
है अति  विशिष्ट 
गुरू शिष्य का नाता 
काल पुरातन से आज तक 
कोई भ्रमित न इससे हुआ 
जैसे पहले महत्त्व  था इसका 
आज भी वह कम न हुआ 
|शिक्षा जिससे भी मिले
 शिरोधार्य शिष्य करे 
तभी पूर्णता का भास् हो 
शिष्य का विकास हो |
आशा 
02 सितंबर, 2016
क्षणिकाएं
 १  
 रूप खिले कमल के फूल सा 
महकता तन मन संदल सा 
गाता गुनगुनाता सुनता सुनाता 
चहकता स्वर उपवन में पंछी सा । 
२  
बरसों के बिछुड़े अब मिले 
तब जा कर दिल से दिल जुड़े 
मनवा बेचैन कुछ कहे न कहे 
आँखें तरस गईं थीं बिना मिले ।
३
प्रातः बेला में खिली कुमुदनी
यही उसे जीवंत बनाती
मीठी सी मुस्कान लिए
बधाइयों की झाड़ी लगाती |
३
प्रातः बेला में खिली कुमुदनी
यही उसे जीवंत बनाती
मीठी सी मुस्कान लिए
बधाइयों की झाड़ी लगाती |
 आशा 
31 अगस्त, 2016
एक अफ़साना
एक अफसाना सुनाया आपने
गहराई तक पैठ गया मन में
जब पास बुलाया आपने
थमता सा पाया उस पल को
कसक शब्दों की आपके
वर्षों तक बेचैन करती रही
जब भी भुलाना चाहा उसे
तीव्रता उसकी बढ़ती गई
जो दीप जलाया था मन मंदिर में
झोंका हवा का सह न सका
तीव्रता बाती की बढ़ी
लौ कपकपाई और बुझ गई
प्रतिक्रया अफसाने की 
आखिर किससे सांझा करती
आखिर किससे सांझा करती
आप से कुछ कह न सकी 
मन की मन में रह गई |
आशा
मन की मन में रह गई |
आशा
30 अगस्त, 2016
27 अगस्त, 2016
तलाश अभी बाक़ी है
साँसों पर पहरा लगा है 
जिन्दगी की तलाश बाक़ी है 
आशा निराशा में झूलता मन 
सत्य की तलाश अभी बाक़ी है 
जहर तो मिल ही जाता है 
अमृत की तलाश अभी बाक़ी है 
कौन अपना कौन पराया 
यही तो जानना है 
गैरों  की भीड़ लगी है 
अपनों को पहचानना है 
इल्जाम न देना बाद में कि 
वफ़ा हमने नहीं की 
हर वार आपने किया था 
हमने तो बचाव किया था 
हम तो हम हैं 
हैं सब से जुदा 
किसी का अक्स नहीं
 मिलावट की बू नहीं 
जिन्दगी की राह में 
यूं ही नहीं फ़ना हुए हैं 
हर सांस का हिसाब लेना है
जीवन की आस अभी बाक़ी है |
हर सांस का हिसाब लेना है
जीवन की आस अभी बाक़ी है |
आशा 
 
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