नववर्ष पर हार्दिक शुभ कामनाएं -
पलक झपकते ही समय
बीता 
पूरा साल कहाँ खो
गया 
मालूम न पड़ा 
पर एक बात हुई अवश्य
घटना क्रम इतना तेजी
से घटा 
तन  मन सिहर उठा सर से पाँव तक 
पहले अति वृष्टि बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाएं 
हिंसा और आगजानी ने पार की सीमा
हिंसा और आगजानी ने पार की सीमा
थमीं वे  बहुत कठिनाई
से 
अब जा कर समस्याओं
में गति अवरोध 
प्रारम्भ हुआ है फिर
भी
 पूर्ण शान्ति न आ पाई 
अब मौसम कहर ढा रहा
है
 सर्दी ने अति की है 
सूर्य देवता जा छिपे
कोहरे की चादर  में
 दर्शन दुर्लभ हुए हैं 
सर्द मौसम  ने त्राहि त्राही मचाई 
जन जीवन हुआ अस्तव्यस्त
 नववर्ष तुम्हारे स्वागत के लिए
 उत्साह फिर भी कम नहीं हुआ है 
धीरे से  उत्साह जगा जीवन में 
आने वाले कल के
स्वागत में 
कई गीतों की की है
तैयारी 
आयोजन बड़े जश्न का
करने को मन है 
उसी में जुटे हुए
हैं
 जब होगा स्वागत तुम्हारा  धूमधाम से 
  खुशहाली लिए होगा  आगमन तुम्हारा 
सुख शान्ति बरसेगी
चहु ओर 
नया साल नई
उपलब्धियां ले कर आए
 भाई चारे के साथ नया दिन मनाएं 
 है यही कामना प्रभू से | 
आशा  

