तस्वीर क्या बोलेगी
वह तो मौन है
पर उसके नयना बोलते हैं
मन के भेद खोलते हैं |
उसकी अलकें चहरे पर
हवा से उड़ने लगती हैं
उसका मुख चूमने का
प्रयास करने लगती हैं |
मन खुद बेचैन हो उस ओर ही
झुक जाता हैं
सम्पुट कुछ कहना चाहते हैं
उसे प्रिय की है तलाश
बहुत काल से |
आशा