11 जुलाई, 2023

मेरा ख्यल

 

ख्याल तो ख्याल ही है

कोई फर्क नहीं पड़ता

मेरा हो या तुम्हारा  

मैं तो इतना जानती हूँ

मेरे ख्याल से ही है वजूद मेरा |

यह बदल भी सकता है

किसी और के विचार सुनने से

जरूरी भी नहीं बदले विचार अपनाने को

मुझे गर्व है अपने पर

 जो मेरा मन चाहता वही करना, जो मैंने सोचा

मैं किसी के हाथ की कठपुतली नहीं

जो चाहे जैसा नचाले मुझको |

मुझे मनमानी करने की आदत हो गई  है

सरल नहीं मुझे समझना

  यही एक कमी है मुझमें

 जिसने मुझे समझा, अपनापन दिया मुझे

वही मेरा अपना हुआ |

मेरा साथ पाकर जीवन में रंग आया उसके

किसी कठिनाई से भयभीत ना होगा

अपने लोगों से मदद मिलती  ,यही है सोच मेरा |

आशा सक्सेना 

10 जुलाई, 2023

कुछ कार्य होते आवश्यक

 

हर कार्य की सीमा होती है

मन को कब तक उलझा कर  रखोगे

कभी तो वह  समाप्त हो जाएगा

फिर कैसे अपने को व्यस्त रखोंगे |

कुछ कार्य तो होते आवश्यक

पर कुछ समय नष्ट करते

जिनमें  व्यर्थ समय गवाया  जाता

यदि उनमें व्यस्त रहे

 कुछ भी ना कर पाओगे

जीवन व्यर्थ समाप्त हो जाएगा |

कोई तुम्हें याद नहीं करेगा

जब दुनिया से उठ जाओगे

अच्छे कार्यों को समय समय पर

यदि किया जाए कोई नई बात नही होती

दुनिया से जाने पर भी याद किया जाता |

यही यादों में रह जाता 

उसे याद करने का अवसर 

कोई नहीं भूल पाता 

उसे बार बार याद किया जाता  |

आशा सक्सेना  

 

  

  ४-

09 जुलाई, 2023

आई वर्षा झूम झूम

 

आई वर्षा झूम झूम

बादल गरजे घटाएं छाई 

बिजली कड़की

जब आपस में  टकराए |

चारो ओए अन्धेरा छाया

मौसम में बड़ा

परिवर्तन आया

फिर हुई बूंदों  की वर्षा |

हलकी सर्द हवा चली

कभी उमस बढ़ने लगी  

आजोबोगरीब

मौसम हुआ |

प्रकृति ने बदला रूप

 यही हम ने ध्यान से देखे

 सारी धरती पर

कोई अनहोनी के संकेत मिले |

कभी समुद्र में तूफानी लहरे आईं

लगता ग्लोबल वार्मिग का

असर हुआ तेज बारिश

बेमौसम आई

सब के मन में बेचैनी आई |

ऐसे परिवर्तन आए

फसलों को भी  प्रभावित किया

किसी की फसल बिगड़ी

किसी के बीज

 नहीं बोए गए |

सरकार भी कितनी

 मदद करती

कभी बीज देती

कभी  धन देती |

फिर भी  यही रोना किसानों का

मंहगाई का

आम आदमी भी नहीं बचा इससे

घर कैसे चलाए

 हुई कठिन समस्या |

08 जुलाई, 2023

मीरा बाई

 

कौन कहता है तुम मेरे नहीं हो

तुम से अपेक्षा भी नहीं मुझ को

मैंने  माना है तुम्हें अपना

किसी ने मुझे  बताया नहीं है |

जब उम्र बाली थी मैंने तुम्हें अपनाया था

एक बरात जाती देख मैंने पूंछा था

यह बेंड बाजा किस लिए

 बारात जा रही थी है शादी की,

 माँ ने बताया बड़े सरल  भाव से  

 मीरा ने पूंछा था ,हैं उसके  वर कौन 

माँ ने कहा यही  श्याम  हैं तेरे वर |

जब बड़ी हुई विवाह हुआ चित्तोड़ के  राजा से

 उसने उनको पति  नहीं  स्वीकारा

उसके लिए मीरा मंदिर बनवाया राजा ने 

मीरा मंदिर में रहीं भजन में व्यस्त चित्तोड़ में

ऎसी कहानी है,कृष्ण भक्त रानी मीरा की |

हाईकू

१-हम दम हो 

करीब रहो तुम 

यही क्या कम 


२-हर बात की 

सीमा नहीं होती है 

कोई है  सीमा 


३--चाँद आधा है 

पर चमक कम 

मुझे  पसंद 




४-नींद ना आए 

रातें आँखों में कटी 

बेचेन होती 


५-कविता लिखी 

सदा एक सी नहीं 

कुछ नया है 


आशा सक्सेना   


07 जुलाई, 2023

तुम भोले शिव शंकर

 

तुम भोले शिव शंकर

कैलाश वासी कण कण में बसे  

सरल संहज सब के दुख हरता

जगत के पालन हार |

धरती वासी हो अविनाशी

तुम्हारी दया सब पर होती

बहुत  सरलता से

किसी को कठिन तपस्या नहीं करनी पड़ती |

होते तुम प्रसन्न थोड़ी सेवा से

तभी तो सारे भव सागर में

 तुमको ही अधिक पूजा जाता

तुम्ही मार्ग दिखाते भवसागर से पार उतरने का |

सब सोचते भवसागर तर जाएंगे 

जब तुमको पूजेंगे

पूरी श्रद्धा से, आस्था से 

जब याद करेंगे|

तुम्हारी चरण रज  पा कर 

सारी बुराइयां धुल जाएंगी

यही एक विश्वास रहा 

मन में सब के |

आशा सक्सेना

06 जुलाई, 2023

वह देखती राह तुम्हारी

 

वह  देखती राह तुम्हारी

द्वार खुलते ही सड़क पर

नजर जाती वह  झांकती

दूर तक सड़क दिखाई देती |

पर तुम्हारा पता ना  होता

फिर वही क्रम जारी रहता

अचानक कोलाहल होता

आहट दरवाजा खुलने की होती

 वह  जान जाती खवर तुम्हारे आने की

जो खुशी उसको होती किसी और को नहीं

 बड़ी मुश्किल से अवकाश मिलता तुम्हें 

पर मन मार कर इन्तजार करती

आने पर इतनी खुश होती

खुद को ही  भूल जाती|

आशा सक्सेना