18 नवंबर, 2023

जीवन का गीत

 


गीत के लिए मन का

मीठा होना है आवश्यक  

यह मिठास जब आएगी

 मन में चैन आएगा |

खुशहाली होगी हर ओर

हरियाली लेगी मन मोह

मन की  मिठास पैदा होगी

तभी  वाणी  मीठी होगी|

यह है सोच का प्रताप

बुद्धि का  परिष्कार

जिसने जैसा सोचा

उसकी  बोली  हुई वैसी  |

यही मिठास उसे 

सब के पास ले जाएगी 

सामाजिक बनाएगी

 वह  मधुर गीत गाएगी 

जीवन सफल होगा उसका |

आशा सक्सेना 

16 नवंबर, 2023

गीत गाने के लिए


गीत गाने के लिए

गुनगुनाने के लिए

kujकुछ तो अवसर चाहिए

जो हों  आवश्यक इस अवसर पर |

समय समय पर गाए जाने वाले गीतों का

अपना ही आनंन्द है

 अबसर यदि सही हो

मजा कुछ और ही  होता है |

गाना चुनना और धुन बनाना

नहीं है इतना कठिन

पर इसके लिए

 शिद्दत होती जरूरी |

यदि सही धुन चुनी जाए

तन्मय हो कर गाया जाए

नृत्य हो साथमें

कुझऔरहींहोताहै

15 नवंबर, 2023

हाइकु (बरसात )

  


मेरी दुविधा

 


आज बड़ी उलझन में हूँ

मैंने  सोचा था

सारे कार्य पूर्ण कर लिए हैं

जिम्मेदारियां सारी संपन्न हुई है   |

शायद यह मेरी भूल रही

एक पुस्तक में पढ़ा था

जब बच्चे बड़े हो जाएं

उन पर सोंपी जाए जुम्मेदारियाँ

यदि वे सक्षम और समर्थ हों

उन की मदद ली जाए

पर यहीं मै गलत थी |

यदि खड़े खड़े आते

 सब को अच्छे लगते

मेंहमान की तरह स्वागत होता |

पर आज के युग में हमें

गैर की तरह समझा जाता है

कोई प्यार नहीं किसी से  

नाही मोह माया यहाँ

भूल से भी सोचा नहीं कि 

हम भी कुछ लगते हैं |

आशा 


हाइकु

 


१-आज दिवाली 

दीप जलाए  गए 

लक्ष्मीं के लिए    

२-हलकी ठण्ड 

लक्ष्मीं स्वागत किया 

 दीप जलाए 

३-दीप जलाए 

घर को स्वच्छ किया 

द्वार सजाया 

४-तुम ना आए 

कितनी देखी राह 

बीती दिवाली 

५- देखी राह 

हार गई अँखियाँ 

राह देखते 


आशा सक्सेना 



14 नवंबर, 2023

असंतुलन के आयाम

 

राग द्वेष माया मोह

जब हों  दूर जीवन से

 सफल जीवन की आशा की जाए

यदि एक का संतुलन बिगड़े

 दूसरा भी बहे उसी के साथ |

आशा निराशा के झूले में

जीवन झूले बहुत डर के

आत्म बिश्वास कम तर हो जाए

यदि किसी की वर्जना मिले |

हम प्यार को तरसे जीवन में

जब किसी का संबल ना मिले

घोर निराशा से घिरे

 बच ना पाए इससे |

यही कमीं रही खुद में

बच  ना पाए इन कुटेवों से  

सफल ना हुए जीवन में

 खुशहाली  पा ना  सके |

जिसने भी मन्त्र दिए खुशी पाने के लिए

कोई भी सफल ना हो पाए  

पीछे हट कर  मांफी मांगी

हम जिए अपने हाल पर |

कवि ने गाए गीत प्रेम के


कवि  ने गाए गीत प्रेम के

 जब तक शांति रही जीवन में

पर हुआ विचलित मन उसका

 जब महांमारी ने पैर पसारे |

जब मुसीबत आई देश पर

आगे की पंक्ती में खडा रहा

 अपनी रचनाओं से देश के वीर

सपूतों का साहस बढाया |

एक ऐसा कार्य किया जिसने

 मनोवल  बढाया इतना कि वे जुटे

पूरी लगन से देश की रक्षा के लिए

यह रहा  महत्व पूर्ण इतना

 देशवासियों ने  दिलसे सराहा

जो भी लिखा देश हित के लिए

उनको सराहा गया पूरे मन से |

यही विशेषता रही वीर रस की रचनाओं में

जब शांति का माहोल बना

बड़ा परिवर्तन दिखने लगा रचनाओं से

कवि की मनोस्थिती की झलक दिखी  

 खुशहाली देश की नजर आई |

 

आशा सक्सेना