बार बार मन को महका दें
उन्हें भूल न जाना बहना
आज बिदाई की बेला में
मुझे यही है कहना |
झरने सी तुम कल कल बहना
कठिन डगर पर बढ़ती रहना
बंध स्नेह का तोड़ न देना
है यही तुम्हारा गहना
मुझे यही है कहना |
प्रीत रीत को भूल न जाना
घर आँगन को तुम महकाना
सदा विहँसती रहना
हमें भूल न जाना बहना |
मंगलमय हो पंथ तुम्हारा
सदाचार हो गहना
सुन्दर तनमन देख तुम्हारा
कुछ कहा जाए ना बहना
मुझे यही है कहना |
आशा
बड़ी सुन्दर शुभेच्छायें दी हैं आपने सभीको । इसी तरह से प्रेम प्यार की सुखद बयार बहाती रहें । सुन्दर और भावपूर्ण कविता है । बधाई ।
जवाब देंहटाएंbhaut pyar bhari lagi apki ye rachna.,...
जवाब देंहटाएंacha laga padna