मैंने देखा जब से तुम को ,
कुछ लिखने का मन करता है ,
तुम सामने बैठी रहो ,
एक कविता बनती जायेगी ,
सुंदरता का गहरा रंग ,
कविता में समाता जायेगा ,
सौंदर्य बोध जागृत होगा ,
मन में घर करता जायेगा ,
सौंदर्य के सभी आयाम ,
कविता में आते जायेंगे ,
कविता बढ़ती जायेगी ,
कलम न रुकने पायेगी ,
ऐसा लगता है मुझ को ,
मैं अपनी सुधबुध खो बैठूँगा ,
अधिक समय यदि तुम ठहरीं ,
खुद ही कविता बन जाओगी |
आशा
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जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना ...अच्छे भाव लिए हुए .....बधाई स्वीकारे
जवाब देंहटाएंhttp://athaah.blogspot.com/
bahut sundar bhav.
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव के साथ..... बहुत सुंदर रचना....
जवाब देंहटाएंअधिक समय यदि तुम ठहरीं ,
जवाब देंहटाएंखुद ही कविता बन जाओगी |
bahtrin bahut khub
बहुत अच्छी कविता .."
जवाब देंहटाएंVery beautiful poem. You have excelled all the older poems by this excellent composition. Bravo!
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