बस एक आस ,
ओर आत्म विश्वास ,
जीवन में भरते प्रकाश ,
होती इतनी गहराई ,
ओर सच्चाई,
अटूट ह्रदय मै ,
तभी टिक पाता है,
कोइ विचार ह्रदय मै ,
कोइ झूमे वह झूमता है ,
गीतों के साथ गुनगुनाता ,
नहीं चाहता ,
अवसाद कोइ ,
मंथर गति से चलता है ,
गतिमान उसे,
करने के लिए ,
बस काफी है,
एक आस ,
ओर यदि मिल जाए ,
साथ आत्म बिश्वास का ,
तब कोइ नहीं,
रोक पाता ,
विचारों मै,
व्यवधान न आता,
चिंतन मनन,
सतत चलता है ,
निरंतरता उसमे होती है
,जीवन भी,
अस्थिर नहीं रहता ,
बहुत सरल हो जाता है ,
कोइ भी बंधन तब ,
उसे बांध नहीं पाता ,
बहता निर्मल जल सा ,
विचलित ना हो पाता ,
सदा प्रफुल्लित रहता |
आशा
बस एक आस ,
जवाब देंहटाएंओर आत्म विश्वास ,
जीवन में भरते प्रकाश
आस और विश्वास ही तो जीवन के आधार हैं
सुन्दर रचना
इस एक आस और विश्वास की डोर थाम कर इंसान बड़ी से बड़ी बाधाएं पार कर लेता है ! इसकी पतवार हाथ लग जाए तो वह भवसागर भी तैर कर पार करने का हौसला रख सकता है ! लेकिन यह दुर्लभ है और अनमोल है ! जिसे मिल जाए वह सच्चे अर्थों में धनवान है ! सुन्दर प्रस्तुति ! बधाई !
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