आँखें उसकी नील कमल सी
और कशिश उनकी ,
जब खींचेगीं बाँध पाएंगी
होगी परिक्षा उनकी |
उनका उठाना और झुक जाना
गहराई है झील की
आराधना और इन्तजार
चाहत है मन मीत की |
जाना न होगा दूर कहीं
किसी जन्नत के लिए
दूरियां घटती जाएँगी
पास आने के लिए |
कल्पनाओं की उड़ान मेरी
परवान चढती जाएगी
अब रोज ही त्यौहार होगा
आएगी घर में खुशी |
आशा
और कशिश उनकी ,
जब खींचेगीं बाँध पाएंगी
होगी परिक्षा उनकी |
उनका उठाना और झुक जाना
गहराई है झील की
आराधना और इन्तजार
चाहत है मन मीत की |
जाना न होगा दूर कहीं
किसी जन्नत के लिए
दूरियां घटती जाएँगी
पास आने के लिए |
कल्पनाओं की उड़ान मेरी
परवान चढती जाएगी
अब रोज ही त्यौहार होगा
आएगी घर में खुशी |
आशा
बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति, बधाई
जवाब देंहटाएंबेशक मिले संयोग से.........अच्छा रहा मिलाप....
जवाब देंहटाएंकहना क्या ये सत्य है ..... .अच्छा लिखती आप.....
अच्छा लिखती आप...........सदा रहती है छाई.....
बातो में भी मिलती है..........गहरी गहराई.....
कह मनोज गुठली नहीं........ये तो पूरा आम......
मेरी तरफ से आपको...........सादर नमन प्रणाम.....
बढिया प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंगहरे भाव...
sunder prastuti
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएंकल्पनाओं की उड़ान मेरी
जवाब देंहटाएंपरवान चढती जाएगी
अब रोज ही त्यौहार होगा
आएगी घर में खुशी |
बहुत खूबसूरत कविता आशा जी. धन्यबाद.
खुबसूरत प्रस्तुती.....
जवाब देंहटाएंझील सी इन नीली आँखों की खुमारी में तो हम भी डूबना चाहते हैं ! बहुत प्यारी रचना ! बधाई !
जवाब देंहटाएंbhaut hi sundar...
जवाब देंहटाएंखूबसूरत भाव,
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएंवाह! सुन्दर कविता...
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...
कल्पनाओं की उड़ान मेरी
जवाब देंहटाएंपरवान चढती जाएगी
अब रोज ही त्यौहार होगा
आएगी घर में खुशी |
bahut khub likha hai mam,,
jai hind jai bharat
जो मैंने कहना था, मनोज भाई पहले ही चिपका गए हैं। खैर आप उस भाई की बात को इस भाई के भी मन की बात समझ कर प्रणाम स्वीकार करें। आप कि पद्य के प्रति अभूरुचि और रचनाधर्म के प्रति आप का समर्पण बहुत प्रभावित कर रहा है। नमन।
जवाब देंहटाएंगुजर गया एक साल
अंतरतम में प्रियतम का एहसास दिलाती पावन कृति
जवाब देंहटाएंसुंदर!
जवाब देंहटाएंbadhia poem
जवाब देंहटाएंआपकी रचना पर टिप्पणी करना बहुत मुश्किल, सुंदर अतिसुन्दर......
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना...
:-)