टिमटिमाते तारे गगन में
अंधेरी रात अमावस की
दीपावली आई तम हरने
लाई सौगात खुशियों की |
कहीं जले माटी के दीपक
रौशन कहीं मौम बत्ती
चमकते लट्टू बिजली के
विष्णु प्रिया के इन्तजार में |
बनने लगी मावे की गुजिया
चन्द्रकला और मीठी मठरी
द्वार खुला रखा सबने
स्वागतार्थ लक्ष्मी के |
आतिशबाजी और पटाखे
हर गली मोहल्ले में
नन्ही गुडिया खुश होती
फुलझड़ी की रौशनी में |
समय देख पूजन अर्चन
करते देवी लक्ष्मी का
खील बताशे और मिठाई
होते प्रतीक घुलती मिठास की |
दृश्य होता मनोरम
तम में होते प्रकाश का
होता मिलन दौनों का
रात्री और उजास का |
प्रकाश हर लेता तम
फैलाता सन्देश स्नेह का
चमकता दमकता घर
करता इज़हार खुशियों का |
आशा
अंधेरी रात अमावस की
दीपावली आई तम हरने
लाई सौगात खुशियों की |
कहीं जले माटी के दीपक
रौशन कहीं मौम बत्ती
चमकते लट्टू बिजली के
विष्णु प्रिया के इन्तजार में |
बनने लगी मावे की गुजिया
चन्द्रकला और मीठी मठरी
द्वार खुला रखा सबने
स्वागतार्थ लक्ष्मी के |
आतिशबाजी और पटाखे
हर गली मोहल्ले में
नन्ही गुडिया खुश होती
फुलझड़ी की रौशनी में |
समय देख पूजन अर्चन
करते देवी लक्ष्मी का
खील बताशे और मिठाई
होते प्रतीक घुलती मिठास की |
दृश्य होता मनोरम
तम में होते प्रकाश का
होता मिलन दौनों का
रात्री और उजास का |
प्रकाश हर लेता तम
फैलाता सन्देश स्नेह का
चमकता दमकता घर
करता इज़हार खुशियों का |
आशा
दिवाली का एहसास कराती सुन्दर रचना| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंदीपावली के स्वागत के लिये प्रेरित करती सार्थक रचना ! एक अद्भुत उत्साह, उल्लास एवं उमंग जगा गयी यह रचना ! दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंदीपावली की बहुत बहुत शुभकामनायें
जवाब देंहटाएं--
सुंदर दीपावली गीत ... !
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
माहौल बनने लगा दीपावली का।
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं..................
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआपकी इस कविता को पढ़कर यहाँ विदेश में बैठकर भी एहसास जाग रहा है की दिवाली आ गई है ... शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ..दीपावली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंप्रकाश पर्व की अग्रिम शुभकामनाएँ!
--
यहाँ पर ब्रॉडबैंड की कोई केबिल खराब हो गई है इसलिए नेट की स्पीड बहत स्लो है।
बैंगलौर से केबिल लेकर तकनीनिशियन आयेंगे तभी नेट सही चलेगा।
तब तक जितने ब्लॉग खुलेंगे उन पर तो धीरे-धीरे जाऊँगा ही!
चमकते लट्टू बिजली के
जवाब देंहटाएंविष्णु प्रिया के इन्तजार में |
बहुत खूब दीदी
टिमटिमाते तारे गगन में
जवाब देंहटाएंअंधेरी रात अमावस की
दीपावली आई तम हरने
लाई सौगात खुशियों की | सुन्दर प्रस्तुति ..दीपावली की शुभकामनायें
बधाई!दीपावली की शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंदीपावली की बहुत बहुत शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआपको दीपावली सपरिवार अग्रिम शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंसादर
दीपावली की शुभकामनाएं,
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर उल्लासपूर्ण आशा का संचार
जवाब देंहटाएंकरती लगी आपकी यह अनुपम प्रस्तुति,आशा जी.
बहुत बहुत आभार.
धनतेरस दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
'नाम जप' के बारे में अपने अमूल्य विचार
और अनुभव प्रस्तुत करके अनुग्रहित कीजियेगा.
Achhi rachna. Aapko aur aapke pariwar ko deepawali ki hardik shubhkamna.
जवाब देंहटाएंpyari rachna..deepawali ki shubhkamnayen..
जवाब देंहटाएं