भावनाएं हो तरंगित 
लेती हिलोरें मन में 
जल में उठती लहरों सी 
होती  तरंगित दौनों ओर 
सामान रूप से 
जब होती आंदोलित 
बांधती उन्हें 
अगाध प्रेम के बंधन में 
छोड़ती अमित छाप
अग्रसर होते जीवन में 
यही है जज्बा प्यार का 
बंधन होता इतना प्रगाढ़
कोई प्रलोभन 
कोई आकर्षण 
या यत्न इसे डिगाने के 
बंधन तोड़ नहीं पाते 
सभी विफल हो जाते 
सरल नहीं इसे भुलाना 
छिप जाता है
 अंतस के किसी कौनेमें 
हो यदि अलगाव 
उससे उत्पन्न वेदना 
असहनीय होती 
मन में कसक पैदा करती 
यही बेचैनी यही कसक 
सदैव ही बनी रहती 
कहानी प्यार की
अधूरी ही रह जाती |
आशा 

बहुत सुन्दर और प्रभावी अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना आशा जी.
जवाब देंहटाएंसादर
अनु
प्यार का बंधन होता इतना प्रगाढ़ सरल नहीं होता इसे भुलाना... बहुत सुन्दर भाव... आभार आशाजी
जवाब देंहटाएंवाह: बहुत सुन्दर रचना आशा जी...आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएं:-)
बढिया अभिव्यक्ति है कसक भी प्यार की शक्ति है .
जवाब देंहटाएंप्यार तभी तक है जब तक अधूरा है :):) बढ़िया अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंप्रभावी सुंदर अभिव्यक्ति,,की बहुत अच्छी रचना .,,,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...
कहानी प्यार की
जवाब देंहटाएंअधूरी ही रह जाती |..
बहुत सुन्दर लिखा है आशा जी आपने !
कहानी प्यार की हों या जिंदगी ....वो हमेशा ही अधूरी सी पाई गई हैं ....सादर
जवाब देंहटाएंयही अधूरी कहानियाँ ही जीवन भर तकलीफ देती रहती हैं और जीना दुष्कर हो जाता है ! प्रभावी प्रस्तुति !
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