सागर तरंगित 
उर्मियों के उन्माद से 
होती हलचल 
पूनम के प्रभाव से 
ऊपर हलचल 
अंतस में ठहराव 
अनुपम है |
सैलाव भावनाओं का 
तरंगित उर्मियों सा 
उन्मुक्त विचार 
कहीं नहीं टकराव 
अदभुद  है |
तटबंध नहीं टूटते 
जब भी रौद्र रूप अपनाए 
वही भाव प्रगट होते 
बिना किसी परिवर्तन के 
अंतर मन के मंथन से 
अपेक्षित है |
जाने अनजाने 
अनवरत दृष्टिगत होते 
रंग भरे केनवास पर 
दर्शाते मन की झलक 
कभी मौन हो जाते 
हलचल विहीन सागर से 
यही सत्य है |
आशा 

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