चाहती नहीं
बैसाखी तेरी साथ
नारी आज की |
चमकी धूप
चटकती कलियाँ
भ्रमर मुग्ध |
भोर का तारा
चमकता सितारा
प्यार जताता |
हिन्दी महिमा
देश की है गरिमा
गर्व है हमें |
आंधी में उडी
अरमानों की धुल
छलके नैन |
हार श्रृंगार
तुम्ही से प्रियतम
भुलाऊँ कैसे |
प्रकृति नटी
है धानी परिधान
मन में बसी |
नहीं अंजान
क्या होना है अंजाम
इस प्यार का |
आशा
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