Akanksha -asha.blog spot.com
19 दिसंबर, 2014
वाणी
पैनी कटार
विष रस से भरी
जिव्हा ही थी |
कभी सोचना
कितना दुःख देता
कटु भाषण |
है राम बाण
संयम वाणी का
देता सुकून |
बोल मधुर
वाणी पर संयम
तभी सफल |
शब्द चयन
कितना आवश्यक
सब जानते |
अर्थ अनर्थ
शब्दों का होता खेल
रखें संयम |
आशा
·
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Your reply here:
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
मोबाइल वर्शन देखें
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Your reply here: