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30 मई, 2015
जल बरसा
जल बरसा
आँखों से छमछम
रिसाव तेज |
रुक न सका
लाख की मनुहार
बहता रहा |
वर्षा जल सा
कपोल की राह पर
बहता गया |
अश्रु जल के
निशान बन गए
सूखे कपोल |
आशा
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