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19 जुलाई, 2016
माँ
बड़े प्यार से
उसने बनाई खीर
खिलाने के लिए
सोचती रही तदवीर
उसके स्नेह का
मान भूले
जान न पाए
उसकी पीर |
है वह माँ
यह है ममता उसकी
उसका प्रेम भूल गए
यह कैसी तकदीर |
आशा
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