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05 नवंबर, 2018
प्यारी बेटी
सुबह और शाम
मेरी बेटी मेरा अभिमान
ना कोई नखरा ना ही शान
ना आधुनिकता का बखान
जिस घर ब्याही जाएगी
वही होगा उसकी जान
आनबान और शान |
उसी के लिए जीती हूँ
दिनरात दुआएं देती उसको
प्यारी बेटी कहते न थकती
सर उठा कर चलती है जब
मन गर्व से उन्नत होता है
यही मुझे अभिमान |
किसी से भय नहीं पालती
हर कार्य में है अग्रणी
नहीं मानती हार
प्यारी बेटी रखती मेरा मान |
आशा
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