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यदि हर सपना अच्छा होता तब
सभी देखना पसंद करते
पर भयावह स्वप्न बड़े
कष्टकर लगते |
हर बात पर वाहवाही मिले
आवश्यक नहीं
पर सही बात पर प्रशस्ति
है परमावश्यक |
मन की मन से बात
हुई अच्छा लगा
गिले शिकवे दूर हुए
मिलने की इच्छा पूर्ण हुई
यत्न हुए सफल अच्छा लगा |
प्यार के बदले में
कुछ ना चाहिए
अनायास यदि मिल जाए
मनभावन सपना लगा |
आशा
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल गुरुवार (18-04-2019) को "कवच की समीक्षा" (चर्चा अंक-3309) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुप्रभात
हटाएंसूचना हेतु आभार सर |
सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई आदरणीय आशालता जी।
जवाब देंहटाएंप्यार के बदले में
कुछ ना चाहिए
अनायास यदि मिल जाए
मनभावन सपना लगा 👌👌👌👌
सुप्रभात
हटाएंमेरी रचना पर टिप्पणी के लिए धन्यवाद सर |
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन सूरदास जयंती और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सूचना के लिए |
हटाएंआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन सूरदास जयंती और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंसूचना हेतु आभार सर |
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद सर |
सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर रचना
जवाब देंहटाएं#हिंदी_ब्लागिँग में नया जोश भरने के लिये आपका सादर आभार
धन्यवाद संजय टिप्पणी के लिए |
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