अल्लाह ने हुस्न की नियामत दी है तुम्हें
हर किसी को यह भी नसीब नहीं होती
पर तुम्हें रास नहीं आई वह अनमोल भी
पर एक बात अवश्य हुई जब से हुई मुलाक़ात
हुस्न की बिजली गिराना आ गया तुम्हें
एक दिल पर पहरा दिया जब उसने
कई दिलों पर बिजली गिराना आगया तुम्हें |
आशा
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंओंकार जी धन्यवाद टिप्पणी के लिए |
हटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक।
जवाब देंहटाएंपत्रकारिता दिवस की बधाई हो।
धन्यवाद शास्त्री जी टिप्पणी के लिए |पत्रकारिता दिवस के लिए आपको भी बधाई हो |
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सुन्दर क्षणिका ! बढ़िया अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंयशोदा जी सूचना हेतु आभार |