रंगीन समा 
रहा कोरी कल्पना
कोविद की बापिसी 
हुई जब  से  
बिना रंग  गुलाल 
फीका त्यौहार 
रंग जाने कहाँ हैं 
लौक डाउन 
मुझे दुखी ही किया 
जीवन गति 
क्षीण होने  लगी  है
 कोई उत्साह 
न रहा   त्यौहार में 
मिठास नहीं
 देखा  एक
ही राग 
घर में रहें
 समय कैसे बिताएं 
मास्क पहने 
सेनेटाईज करें 
और क्या करें
दूरी रख चलना  
बचना  कैसे 
बीमारी के वार से 
बाहर यदि गए 
कैसे बचेंगे
बीमारी का भय है
साँसे रुकी है 
 समय नहीं कटता 
 सदुपयोग 
 करना है इसका 
क्या करना है ?
सोच कुंद हुआ है 
 तराशें  कैसे  
 विचार सजग हों   
यही  जुगाड़  
  तरकीब बताओ 
राह दिखाओ
समस्या सुलझाओ 
 निदान  करो
मेरा बेड़ा  पार हो 
यही दुआ दो  |

कोरोना ने पिछले एक साल से सबके जीवन में ब्रेक लगा दिया है ! लगता है सारी सृष्टि का क्रम ठहर गया है ! घर में ही रह कर परिवार के साथ अच्छा समय बिताएं ! सबके साथ खेलें, बातचीत करें, कुछ उनसे सीखें कुछ उन्हें सिखाएं और साहित्य सृजन करती रहें ! यही एकमात्र समाधान है इस समस्या का !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचना की सूचना के लिए धन्यवाद सर |
सुन्दर
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
जवाब देंहटाएंजी लोगो की लापरवाही से फिर पैर पसार रहा
जवाब देंहटाएंरंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं आ0
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के लिए आभार सहित धन्यवाद |होली की अग्रिम शुभ कामनाएं |
मुग्ध करती रंग बिखेरती रचना - - शुभकामनाओं सह।
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