बढ़ेगी उमस बेचैनी होगी
यदि मौसम विभाग सफल न हुआ
आने वाले मौसम की
जानकारी देने में |
अब तक न आए बदरा
काले कजराते जल से भरे
तेज वायु बेग उड़ा ले चला
दूसरी दिशा में उन्हें
|
इस बार भी यदि
वर्षा कम होगी
लोग तरसेंगे भटकेंगे यहाँ वहां
कैसे कमी सहन करेंगे
खेती सूख जाएंगी
दाम बढ़ेंगे दलहन के |
हे परम पिता परमात्मा
कैसा है न्याय तुम्हारा
क्या तुम्हें दया
नहीं आती तनिक भी
आम आदमियों की
जल की आवश्यकताओं पर
|
प्रभु तुम क्यूँ ध्यान
रखोगे
इतनी छोटी बातों का
तुम्हें तो समय नहीं
होगा ना
क्यूँ कि बड़ी
समस्याओं में उलझे हो |
बाढ़ तूफान से कैसे
हो निपटारा
शायद हो इसी सोच में व्यस्त
कभी आम आदमी पर भी
रहमोंकरम करो |
तभी याद तुम्हारी आएगी उनको
हाथ जोड़ कर साष्टांग
झुक कर तुम्हें प्रणाम करेंगे
तुम्हारे गुणगान से
पीछे न हटेंगे |
आशा
बारिश आती है तो थोड़ी बहुत परेशानी तो साथ लाती ही है, बस आफत के बरसात न हो, यही प्रार्थना करते हैं
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद कविता जी टिप्पणी के लिए |
बहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |
वाह ! आज तो भगवान् जी भी आपके कोप की ज़द में आ गए ! मानसून तो आ ही जायेंगे अपने समय से अभी थोडी प्रतीक्षा तो करनी ही पड़ेगी ना !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के लिए आभार सहित धन्यवाद साधना |