कोरोना बचाव सूत्र सफल न रहे
बड़े समय के बाद घर से निकले थे
कुछ दिन तो लौक डाउन ने रोका
कोरोना महांमारी ने जब
 सर उठाया  
सरकार  ने बचाव के प्रयत्न  किए थे  | 
दूसरी बार भी वही नियम
 अपनाए थे   
पर आम जन अब ऊब चुके
थे सब से 
सरकारी  नियमों का उल्लंघन किया प्रारम्भ 
यहीं मात खाई कोरोना  महामारी से  |
बीमारी के दूसरे चरण ने घरों को तबाह किया
शमशान में लगी लाइन मृतकों की
अंतिम संस्कार के लिए पञ्चतत्व में मिलाने को |
 निगाहें जहां जातीं वहीं
रुदन का साम्राज्य देख 
मन को सदमा पहुंचा जीना दूभर हुआ
व्यस्त रखा खुद को पर शान्ति न मिली
सरकारी  प्रयत्नों
में कमी तब भी न थी  |
अब जन मानस  की रूचि  कम हुई
बचाव के बनाए गए सरकारी
नियमों में 
 आर्थिक संकट ने घेरा 
बेरोजगारी  भी कम न हुई |
आहट बीमारी के तीसरे
चक्र ने की 
 दी दस्तक घर के  दरवाजे पर   
सोच लिया जिस विधि राखे
राम
 उस विधि ही रहना है|
जितनी सांसें लिखीं
प्रारब्ध  में
 उनका ही मान रखना  है  
समय से पहले समय के
बाद 
कुछ भी नहीं होना है |
आशा
 
   

सुन्दर
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
जवाब देंहटाएंकोरोना काल में लोगों की लापरवाही का दंड उन्हें भी भोगना पडा जिनकी कोई गलती नहीं थी ! जो संक्रमित हुए वे सब नियमों का उल्लंघन करने वाले नहीं थे ! इसे ही दुर्भाग्य कहते हैं !
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