जब अमन चैन का हो साया
तभी लगता है देश हमारा
भाई चारा और प्रेम से रहें
तभी होगा जीवन सफल हमारा |
ज़िंदा रहने का कुछ ऐसा अंदाज रखो
जो तुम को न समझे उसे नजर अंदाज करो
उसके प्यार पर प्राण न्योछावर करो
यदि नफरत करे उस पर ध्यान न दो |
जान लेवा मंहगाई से आम जन त्रस्त हुए
दैनिक वेतन भोगी बेचारे रोटी रोटी को तरसे
हर बात पर उधार लेने का मन बनाया
देने वाला दे तो देता पर दस बातें सुनाकर |
बासंती बयार दे रही आवाज
ऋतू सुहानी है करो सत्कार
बादल ने की गर्जन तर्जन
किया स्वागत ऋतु राज का |
आशा
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आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 11 दिसंबर 21 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4275 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
दिलबाग
Thanks for the information of my post
हटाएंआदरणीया
जवाब देंहटाएंप्रणाम
सादर शुभकामनाएं
🙏🌹🙏
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ! सुंदर क्षणिकाऍ !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंधन्यवाद साधना त५इप्पनी के लिए |
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंधन्यवाद भारती जी टिप्पणी के लिए |