मैं तेरे आँगन की शोभा
कोई साधारण पौधा नहीं
तुलसी हूँ बहुत काम की
कभी दवा में होती प्रयुक्त |
कभी देवता पर चढ़ाई जाती
गंगा जल में डाली जाती
पूजन अर्चन में नित्य काम आती |
जिस घर में तुलसी का पौधा
वहां सदा रहता नारायण का वास
लोग होते धर्म भीरु ,दान वीर
और धर्मात्मा मन के अमीर |
आशा
वाह वाह ! बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति !
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