29 अप्रैल, 2022

मायूस




बहुत किया सब का

पर यश न मिल पाया  

फिर भी कर्तव्य से

पीछे न हटे |

कभी मायूस न हुए 

यही खूबी तुम्हारी

सब से अलग  करती है तुम्हें

 दृढ संकल्प  बनाती है तुम्हें|

चरित्र में चार चाँद लगाती है

तुम्हें चाहे मालूम हो य न हो

तुम्हारा व्यक्तित्व निखर कर आता है

सब लोगों के सामने |

हर ओर सफलता मिले

आवश्यक नहीं खुशियाँ मिलें

जो मिलती जाती  हैं

उन्हें कोई  छीन नहीं सकता |

मायूसी से कोसों दूर रहे

 सदा मुस्कुराते रहे

यही धन संचित किया तुमने

 किसी की आशा न की |

सफल जीवन ही तुम्हारी धरोहर है

फिर मायूसी क्यों ?

क्षणभंगुर जीवन में आनंद समाया

यही क्या कम है |

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