१-फागुन आया
रंग गुलाल लाया
खेलेंगे रंग
२-भक्त खेलते
फूलों के रंग बना
कान्हां के संग
३-मिलजुल के
रंग लगाते लोग
होली है आई
४-गीत फाग के
गाते हैं चंग बजा
थिरकते हैं
५- गुजिया खाना
बहुत अच्छा लगा
साकों के साथ
६-डाला गुलाल
मिलकेआपस में
भूल के बैर
आशा सक्सेना
धन्यवाद रविन्द्र जी मेरी रचना की जानकारी देने के लिए |
जवाब देंहटाएंसुन्दर हाइकू
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
हटाएंआदरणीया मैम, बहुत ही सुंदर और उल्लास जगाने वाली प्यारी सी रचना। हार्दिक आभार एवं सादर प्रणाम।
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
हटाएंहोली के रंगों जैसे रंगीले हाइकु !
जवाब देंहटाएं