महिलाओं ने प्रगति की अपार
कोई क्षेत्र ना छोड़ा
अपने पैर जमाने को
हुई सफल हर क्षेत्र में |
यही योग्यता पहले
ना जानी किसी ने
घर बाहर हर क्षेत्र में
सबने सराहा उन्हें |
पहले ना समझी
उनकी योग्यता
को जब परखा
जितनी भी तारीफ की जाए
शब्द भी कम पड़ते
उनकी प्रशंसा के लिए|
सारे संसार में सभी जगह
कहाँ नहीं दीखता उनका वजूद
यही तो योग्यता है उनकी
उन्हें सराहा जाता|
तभी अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस
मनाया जाता धूमधाम से
हर वर्ष मनाया जाता
अंदर बाहर दौनों क्षेत्रों में
कभी पुरूस्कार भी दिए जाते
शानदार कार्यों के लिए|
आशा सक्सेना
आज की नारी हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है ! आज की नारी पूर्णत: सशक्त है !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
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