कवि ने गाए गीत प्रेम के
जब तक जीवन में शांति रही
पर हुआ विचलित मन उसका
जब महांमारी ने पैर पसारे |
जब मुसीबत आई देश पर
आगे की पंक्ती में खडा रहा
अपनी रचनाओं से देश के वीर
सपूतों का साहस बढाया |
एक ऐसा कार्य किया जिसने
मनोवल बढाया इतना कि वे जुट गए
पूरी लगन से देश की रक्षा के लिए
यह रहा महत्व इतना
देशवासियों ने दिलसे सराहा
जो भी लिखा देश हित के लिए
उनको सराहा गया पूरे मन से |
यही विशेषता रही वीररस की रचनाओं में
जब शांति का माहोल बना
बड़ा परिवर्तन दिखने लगा रचनाओं से
कवि की मनोस्थिती की झलक दिखी
खुशहाली देश की नजर आई |
आशा
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
हटाएंकवि की कलम वही रचती है जो देखती है ! जैसा देश का वातावरण होगा कवि वैसी ही रचना लिखेंगे !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएं