किसी को मत तोलो एक ही तराजू ने
सब का स्वभाव कभी एक सा नहीं होता
कभी दो लोग सामान नहीं होते
इस लिए भी उनके आचार विचार होतेहैं भिन्न |
उनको कितना भी तराशा जाए
कभी पूर्ण हो ही नही पाते
जो चाहिए वे गुण उसके व्यक्तित्व में
आ ही नहीं सकते जिससे की जा सके कोई उम्मीद
|मन को बहुत पीड़ा होती है उसके व्यबहार से
क्या सोचा था और क्या पाया
अब जान लिया है इसी लिए
अपने विचार को नियंत्रण में रखा है |
आशा सक्सेन
सौ टका खरी बात !
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