13 जुलाई, 2023

तुम कब आओगे

 

कब गाए गीत मिलन के

यह भी भूली किसके साथ

याद किया वह  फिर भी ना  आई

झुले पर झूल रही

केवल सखियाँ याद रहीं |

फिर भी जब ध्यान जाता

 निगाहें खोज रहीं तुमको

तुमने तो वादा किया था

 सावन जाते ही मुझे लेने आओगे

पर तुम नहीं आए |

 कभी सोचा नहीं  था

इतनी जल्दी सावन जाने का समय आने को है

राह देख रही हूँ

कितनी जल्दी सावन बीता है  

मेरी सहेलियां जाने लगी हैं |

मुझे है इन्तजार तुम्हारा आने का

यादों को सहेज कर रखा है तुम्हारे लिए

तुम जल्दी आजाओ

अब इन्तजार नहीं होता क्या किया जाए |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Your reply here: