23 जुलाई, 2023

तुमने क्यों की अपेक्षा

 

जन  मानस से क्या अपेक्षा

जब खुद ने किसी की अपेक्षा  पूर्ण ना की 

लटकाए रखा दूसरों को अधर में |

कोई किसी की मदद करे

 यह कैसे सोच लिया तुमने ,

जब खुद ने किसी की मदद ना की

 समय पर किसी के काम ना आए

 वह कैसे कह सकता है

 तब तो सोचा होता 

किसी और को भी आवश्यकता

 हो सकती होगी तुम्हारीजैसी 

लटकाए रखा तुमने उन्हें  

हाँ , ना के झुले में झूलते रहे  

  कोई निर्णय ना ले पाए

 तुम्हारी मदद यदि पक्की होती

 वे किसी और की राह नहीं देखते ,

तुमने तो उलझा दिया उनको|

आशा सक्सेना 

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