27 अगस्त, 2023

नवल रूप तेरा

 नवल रूप है प्यारा प्यारा 

जब देखो अनोखा दिखता 

आकर्षण है ग़ज़ब का 

मन भूल नहीं पाता |

ये  आदतें ये अदाएं 

किससे सीखीं तुमने 

या प्राकृतिक रूप पाया 

ईश्वर से मिली तुम्हें |

नवल अदाएं पाईंं तुमने 

बहुत सिंगार ना किया 

मुँँह पर लाली, माथे पर बिंदी, 

नयनों में कजरा लगाया तुमने |

यह सुन्दर रूप सँँवारा कितने जतन से

 सजाई है माँँग किस के लिए 

यही सफलता पाई है 

नवल रूप की लम्बी आयु के लिए  |

जो देखता उसके मन में बस जाती 

इन  आकर्षक नयनों की  यादें 

जिनके पास नहीं होती 

यह अमूल्य निधि  प्रभुु की देन  

वे ईर्ष्या भी करते बात बात पर |

पर नवल रूप पा नही सकते 

मन में संताप पालते |


आशा सक्सेना 






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