25 सितंबर, 2023

मेरीबिटिया

नील गगन में उड़ती सी एक नन्हीं परी 

अनुपम रूप लिए उड़ती फिरती बेटी मेरी 

सरल स्वभाव  की धनी मीठी बोली बोलती 

दो कुलों को निभाती सभी को प्यारी लगती 

जब कहीं जाती सब का मन हर लेती 

सब की सुन्दर रूप हो मोहिनी

तुमसा कोई नहीं मेरी बिटिया 

अनुपम सा रूप लिए उड़ती 

सब का मन मोह लेती 

आगे बढ़ने का मन बनाती 

कुछ नया करने की चाह रखती 

दृढ़ता से कदम बढाती 

हार का मुंह ना देखतीं 

मुझे गर्व है अपनी बेटी पर 

किया मेरा सर उन्नत अपने कार्यों से 

मन फूला नहीं समाता 

यही अरमां मेरा सफल मेरा करती   

आशा सक्सेना  


 

1 टिप्पणी:

  1. माँ की परछाई है बिटिया कभी आपको नतमस्तक नहीं होने देगी

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