22 नवंबर, 2023

गीत गाओ

“गीत गाओ “

दिल ने कहा गीत गाओ

 मुझे प्यार करो मन को बहलाओ|

मेरे सपनों में खो जाओ

मैं कुछ तो तुम्हारी लगती हूँ

इसे न भूल जाना

 मेरी जगह किसी को न देना |

यही है मन में मुझे न भुलाना 

नहीं चाहती अपने

अधिकार को किसी से बांटना

 तुम मुझे न भूल जाना

वजूद है मेरा यही

 इस को किसी की नजर न लग जाए

मुझे याद करना मेरे मन में बसे रहना |

 अपने एकाधिकार पर गर्व है मुझको

यह भ्रम न रह जाए

मेरा मनोबल न कभी डिगे 

मन की स्थिती में वही द्रढ़ता रहे |

मैंने कोई गलत निर्णय न लिया हो

यही चाहती हूँ यही आशा लिए हूँ मैं

 यही प्रभू से मांगती हूँ

 मुझे मेरा अधिकार मिले

 मैं किसी से बैर न मोल लूं  

 किसी से सांझा न करना नहीं चाहती

मन को दुःख न देना मेरे

झूटी आशा न दिलाना मन को न उलझाना

मन की मधुर कविता है 

यह  कोरा कागज नहीं है |

आशा सक्सेना 


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