23 जनवरी, 2024

मुझे यह क्या हुआ है

 

मुझे यह क्या हुआ है

मन हर कार्य से उचटा हुआ है

मुझे कुछ भी अच्छा  नहीं लगता

कभी सोचा न था ऐसे भी दिन आएगें |

मुझे अब कुछ नहीं सूझता

लगता है  मैं कुछ न कर पाऊंगी

धरती पर बोझ हो कर रह  गई हूँ

जीवन में कुछ ना कर पाई |

यही मुझे अब खलता है

अकर्मण्य आखिर कैसे हो गई हूँ

 यह तक  जान न सकी अब तक

                     यह कैसी अजीब बात है  |


                         आशा सक्सेना 

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