04 जनवरी, 2024

शेष जीवन में क्या करें

 

कितना जीवन है शेष  

कोई न जान सका

कोशिश मैंने भी की

पर सफल न हो पाई  |

काम कितने पसारे जाएं  

इसका भी अंदाज नहीं 

यदि पहले ही आत्मा ने 

चोला छोड़ा तब क्या होगा |

किसी ने नहीं बताया कब बुलावा आएगा 

चाहे कितना भी बड़ा पंडित हो 

तभी कहा जाता इतने ही काम पसारो 

जो पूरे किये जा सकें अधूरे कार्य न रहें |

तभी शान्ति से मुक्ति होगी

मेरे मन में संतुष्टि होगी

 यह आत्मा नहीं भटकेगी

जीवन सफल हो  पाएगा |

आशा सक्सेना 

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