06 मार्च, 2024

जिन्दगी ने कितने रूप बदले

 

जिदगी  ने  कितने रूप बदले

अपने अस्तित्व को सजाने के लिए  

अपने मन को उस जैसा बनाने के लिए 

जिदगी  ने  कितने रूप बदले

अपने अस्तित्व को सजाने के लिए  

अपने मन को उस जैसा बनाने के लिए

जिसकी चाह रही कब से पूरी करने के लिए |

बहुत ली सलाह भिन्न भिन्न लोगों से ली

कभी किसी की नक़ल कर

पर जरासा सुकून भी न मिला मन

मन का ताप कम न हो सका

अब किसी ने कहा अपने दिल की सोचो

गहराई मैं उतरो

 तभी कुछ फल हासिल कर पाओगे

है  कठिन परीक्षा की घड़ी

कठिन परीखा फल को जब भोगोगे

मनको हिमत मिलेगी

सफलता कदम चूमेंगी

आशा सक्सेना 


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