आज की हंसती खिलखिलाती
मधुरता बिखेरती बालाओं का
जीवन है अनमोल वेश कीमती
हैं घर की रौनक वे
दो परिवारों की सम्रद्धि हैं वे
उनसे किसी की तुलना नहीं
स्वर्ग सा प्रतीत होता है
जहां हो वास बालाओं का
वह घर हरा भरा खुशियों से
महक आती है पुष्पों की
सुरभि फैल जाती है दूर तक |
बचपन की रौनक किसी से कम नहीं
घर भरा जाता है किलकारियों से बचपन की |
सुधड़ हो जब दूसता घर आबाद करती
सब की खुशी का ठिकाना नहीं होता
वह हो कर सफल गृहणी
सभी का अभिमान होती |
आशा सक्स्तना
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